Hindi

चेहरा तुम्हारा कुछ जाना पहचाना सा..
चेहरा तुम्हारा कुछ जाना पहचाना सा॥
सायद मैंने अपने ख्वाबों में देखा है तुमको 
कई बार रात में दिन में सुबह को या शाम को 
हाँ मैंने बस तुम को ही देखा है 
या यूं कहू देखा था,आज बड़े दिनों बाद 
पास से देखा मैंने तुम्हारा चेहरा मुझे अजनबी सा लगा
मानों में तुम को जैसे जानती ही नहीं 
या यूं कहू तुम को कभी इस से पहले देखा ही नहीं 

अब नहीं कह सकती की ...
चेहरा तुम्हारा कुछ जाना पहचाना सा.....
क्या तुमने इस से पहले नक़ाब पहन रखा था?
या अभी पहने हुए हो?
कुछ तो बताओ
फिर क्यों हुवा ऐसा
चेहरा तुम्हारा वो जाना पहचाना सा...
एकदम से अजनबी कैसे हो गया?....

अरे .......दोस्त
हम तो शायर है दिल के मारे हुए॥
दुनियां से हारे हुए ....

'' इश्क भरे अंदाज़ में फ़रेब करना
जान गए के तुम्हारी फितरत है
यूं तो बेवक़ूफ़ हम ही थे
जो समझ बैठे के
फ़रेब का चेहरा कितना हसीं होता है.....''

एक नाचती तितली को जो अपने हाथो से मरोड़ा तुमने
तुम खुश हुए अपने जीत पर
उसके हर अश्क जा जबाब जब वो मांगेगा तुम से
सरेआम जिंदगी का पन्ना पलटते रह जाओगे....''

No comments:

Post a Comment

Thank You For Visiting.